शत्रु मारण मंत्र तंत्र प्रयोग

शत्रु मारण मंत्र तंत्र प्रयोग
शत्रु मारण मंत्र तंत्र प्रयोग

शत्रु मारण मंत्र तंत्र प्रयोग

शत्रु मारण मंत्र तंत्र प्रयोग, दुश्मनी दूर हो न हो, लेकिन दुश्मन के मारक प्रभाव को तंत्र मंत्र प्रयोग से खत्म किया जा सकता है। शत्रु के चाहे जैसे भी वार हों और वे कितने भी खतरनाक क्यों न हो,

शत्रु मारण मंत्र तंत्र प्रयोग
शत्रु मारण मंत्र तंत्र प्रयोग

उन्हें तांत्रिक साधना और मंत्र जाप के प्रयोग से उलटा कर सकते हैं, लेकिन हां इसके लिए योग्य तांत्रित के दिशा-निर्देश का पालन किया जाना जरूरी होता है। साथ ही ध्यान रखना चाहिए कि गलत धारण और उद्देश्य से किया गया तांत्रिक प्रयोग उलटा प्रभाव देता है।

काला भैरव हांडी प्रयोगः शत्रु मारण के लिए एक बेहद अचूक प्रभाव देने वाला प्रयोग काला भैरव हांडी का प्रयोग है। शव की हांडी के साथ किए जाने वाले इस प्रयोग को काफी सावधानी पूर्वक तांत्रिक के मार्गदर्शन में किया जाता है। इस प्रयोग को आधी रात के बाद सूर्योदय से पहले तभी करने की सलाह दी जाती है जब शत्रु का मारक प्रभाव काफी प्रबल हो जाए।

बताते हैं कि इसका उल्टा परिणाम बेहत खतरनाक होता है, जिससे उसमें मानसिक विकार पैदा हो सकते हैं। इसे श्मशान पर किया जाता है और शव दाह के समय इस्तेमाल की गई हांडी में उसी चिता की जलती आग पर उड़द की दाल भूनी जाती है। भूनते समय दाल के कुछ दाने निश्चित तौर पर जल जाते हैं,

उन्हें भूनने के बाद छांट लें। छंटे जले दानों को दाएं हाथ में लेकर पर नीचे दिए गए मंत्र का 21 बार जाप करें। इस तरह अभिमंत्रित दानों को एक पुड़िया में सुरक्षित रखकर अपने साथ घर ले आएं। उसके बाद जब भी शत्रु आपके सामने उसे जले दानों से फेंक कर मारें। इसका प्रभाव तेजी से होगा। जाप के मंत्र इस प्रकार हैंः-

 ऊँ नमो काला भैरो मसान वाला, चैसठ योगिनी करै तमाशा, रक्त बाण!

चल रे भैरों कालिया मसान, में कहूँ तोसों समुझाय, सवा पहल में धूनी दिखाय!

मुवा मुर्दा, मरघट बॉस, माता छोड़े पुत्र की आस, जलती लकड़ी धुकै मसान!

भरों मेरा बैरी तेरा, खान सेली सिंगी रुद्रबाण, मेरे बैरी को नहीं मारो

तो राजा रामचन्द्र लक्ष्मण यति की आन!

शब्द साँचा, पिंड कांचा, फुरै मंत्र ईश्वरोवाचा!!

इस कठिन तांत्रिक साधना के अतिरिक्त कुछ सरल वैदिक उपाय और टोटके की मदद से भी शुत्र पर विजय प्राप्त किया जा सकता है।

  • बजरंगबली की आराधनाः दुश्मन को परास्त करने वाले बजरंग बली की असाधारण ताकत से कौन परिचित नहीं है। उनकी नियमित आराधना और हनुमान वाण का नियमित पाठ करने से शत्रु के हानिकारक प्रभाव को हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है। इस पाठ को प्रतिदिन सात बार स्नान के बाद किया जाना चाहिए, लेकिन शुरूआत मंगलवार से करें। उसके बाद लड्डू का भोग लगाते हुए बजरंग बली से शत्रु से मुक्ति की प्रार्थना करें।
  • लौंग और कपूरः बहुत ही साधारण टोटका लौंग के साथ करें। पांच लौंग लें। उसे कपूर के साथ मिला दें। उसे दैनिक पूजा-पाठ के समय आरती की थाली या छोटे से पात्र में जलाएं। लौंग के जलने के बाद बचे भष्म से घर से बाहर निकलते समय तिलक लगाएं और शत्रु पर जीत की मनोकामना करें। साथ ही गायत्री मंत्र का मन ही मन में पांच बार जाप कर लें। मंत्र हैः- ऊँ भुभुर्व स्व तत्स वितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धी मही धीयो यो न प्रचोदयात स्वाह!!
  • सात लौंगः दुश्मन के मारक प्रभाव को खत्म करने के लिए सात ही काफी हैं। शनिवार की रात को सात लौंग लें और शत्रु का नाम लेते हुए 21 बार फूंक मारें। दूसरे दिन यानी रविवार की प्रातः उसे जला डालें। उसके बाद यह प्रक्रिया लगतार सात दिनों तक यानी कि अगले रविवार तक दुहराएं। हर दिन लौंग के भस्म होने के साथ-साथ शत्रु की दुश्मनी भी भस्म होती चली जाएगी।
  • भोजपत्र का प्रयोगः एक भोजपत्र लें। उसके नहीं मिलनेपर पीपल या बरगद के पीले पत्ते का भी उपयोग कर सकते हैं। उसपर लाल चंदन से शत्रु का नाम लिखें और रोल करते हुए मोड़ें। उसे शहद भरी शीशी में डूबाकर रख दें। इस टोटके का प्रभाव शत्रुता कम होने के रूप में कुछ समय बाद ही दिखेगा।
  • चावल के दानेः शत्रु पर शमन पाने के लिए साबूत चावल के 40 दानों के साथ काली दाल के 38 दानों को मिला दें। उन्हें किसी गड्ढे में दबा दें। उसके ऊपर नींबू का रस निचोड़ डालें। नींबू निचोड़ते समय शत्रु के नाम का स्मरण करें। इससे शत्रु परास्त होकर पराजित हो जाएगा। इस टोटके को मंगलवार या शनिवार को करें
  • मोर के पंखः एक मोर का पखं लें। उसपर शनिवार या मंगलवार की रात को भगवान हनुमान के सिर पर चढ़े सिंदूर से दुश्मन का नाम लिखें और पूजा के स्थान पर रख दें। अगली सुबह सूर्योदय से पहले स्नान के बाद उसकी पूजा करें और नदी के बहते पानी में प्रवाहित कर दें। इसके प्रवाह के साथ ही शत्रु की शत्रुता प्रवाहित हो जाएगी।
  • नींबू का प्रयोगः यदि दुश्मन आपको लगातार बाधा डाल रहा हो तब आ नींबू के प्रयोग से उसे शांत कर सकते हैं। सूर्योदय से पहले नींबू को चार हिस्से में काट लें। उन्हें हाथ में लेकर अपने इष्टदेख् को स्मरण करें। उसके बाद गायत्री मेंत्र का 11 बार जाप करें। इसके साथ ही अपने सुखद और शांतिमय दिन गुजरने की कामना करें। प्रार्थना पूरी होने के बाद नींबू के टुकड़े को किसी खुले स्थान पर जाकर चारों दिशाओं में फेंक दें। इस कार्य को लोगों से नजर बचाकर करें।
  • मंत्र जापः शत्रु द्वारा तंग किए जाने की स्थिति में उसके प्रभाव को मंत्र जाप से खत्म कर सकते हैं। नीचे दिए गए मंत्र को सूर्योदय से पहले श्रद्ध और भक्ति भाव के साथ 108 बार जाप करें और अपने इष्टदेव से शत्रुता के प्रभाव को खत्म करने की मनोकामना करें। यह मंत्र काफी प्रभावशाली असर दिखाता है अैर शत्रु कभी भी दोबार षड्यंत्र नहीं रच पाता है। यहां तक कि वह दोस्ती का हाथ बढ़ा देता है। इसके लिए मां काली की आराधना करनी होती है। मंत्र हैः-  नृसिंहाय विद्महे वज्र नखाए धी महि तन्नो नृसिंह प्रचोदयात्!!
  • स्त्री शत्रुः यदि दुश्मन कोई स्त्री है तो उसकी शत्रुता को सिंदूर, लाल चंदन, कंगनी, छोटी इलायची और ककड़सिंगी से धूप बत्ती बनाकर करें। शत्रु स्त्री के नाम लेते हुए प्रतिदिन प्रातः धूप बत्ती को जलाएं।

तंत्र बाधा निवारण साधना

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वशीकरण तिलक वशीकरण तिलक जैसा की आप जानते है हिन्दू धर्म मे तिलक का बहुत महत्व है. तिलक शिव की तीसरी आँख को प्रदर्शित करता है. इसी तरह वशीकरण तिलक एक सिद्ध तिलक होता है, जो ललाट पर लगाने मात्र से आपके सामने आने वाले को आपके वश मे कर देता है. ये आपके व्यक्तियव्य मे निखार लाता है इसके उपयोग से आप दिन प्रतिदिन नए उचाईयों को छूने लग जाते है.